( तर्ज - दिल तोडनेवाले ० )
छेडनेवाले किसे छेड गये है ।
किसीके दिलपे
दाग छोड गये है || टेक ||
छुडाये कौन ,
उसे साफ कराये ।
ढूंढ रहे चारों ओर ,
नैन लगाये ॥
भरे बाजार में ,
मरोड गये है ॥ १ ॥
अगन में जल न जाय ,
शान किसीको ।
अकल न हो पापसे ,
हैरान वि सोकी ॥
मेरे ये दिलके तार ,
तोड गये है ॥ २ ॥
उठाये आह मेरी ,
बाँह पकड़के ।
विनय जान मेरी ,
ध्यान में कड़के ॥
चही तो धन्य है ,
दुही जोड गये हैं ॥ ३ ॥
धूल में लेटते थे ,
आस लगाये ।
फल में कौन घुसे ,
मुझको समाये ॥
तुकड्याको दास पन ,
बनाये गये है ॥ ४ ॥
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